भारत के इस लाल की मुस्कुराहट देख कायल हुई दुनिया, बीजापुर नक्सली मुठभेड़ में घायल हुए सेकंड इन कमांड अफसर संदीप द्विवेदी मौत के मुंह से लौटे……

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रायपुर। छत्‍तीसगढ़ के सुकमा में हुए नक्‍सल हमले ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। घात लगाकर हुए इस हमले में जहां सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के 22 जवान शहीद हो गए तो वहीं 33 जवान घायल हैं। इस हमले को विशेषज्ञ सुरक्षा में बड़ी चूक और साफ तौर पर इंटेलीजेंस की असफलता करार दे रहे हैं। इस हमले के दौरान सीआरपीएफ के फील्‍ड कमांडर, ऑपरेशन के सेकेंड-इन- कमांड रैंक ऑफिसर डिप्‍टी कमांडेंट संदीप द्विवेदी बुरी तरह घायल हो गए थे। उनके अलावा डिप्‍टी कमांडेंट मनीष कुमार भी इसमें घायल हैं।

CRPF की कोबरा टीम के सेकंड इन कमांड अफसर संदीप द्विवेदी से खास बातचीत

CRPF की कोबरा टीम के सेकंड इन कमांड अफसर संदीप द्विवेदी ने बताया कि हम शुक्रवार रातभर चलकर शनिवार सुबह करीब 8 बजे बीजापुर और सुकमा जिले के बॉर्डर एरिया के जोनागुड़ा इलाके में पहुंचे थे। नक्सलियों का मूवमेंट हमें दिखा, नक्सलियों ने हम पर फायरिंग कर दी। हमने भी उन्हें करारा जवाब दिया। हमारे लड़कों ने जबरदस्त बहादुरी दिखाई, नक्सलियों ने हमें एंबुश में फंसाने की कोशिश की, मगर हमने उस घेरे को तोड़ा और आगे बढ़े।

मुठभेड़ में जख्मी होने के बावजूद दिखा चेहरे पर मुस्कान और जोश

संदीप इस हमले में काफी जख्मी हुए हैं। उनका दाहिना हाथ पट्टियों से लिपटा है। पैर में भी गंभीर चोटें आई हैं, लेकिन चेहरे पर मुस्कान और जोश देख कर लगता है कि अभी उठकर कई नक्सलियों को धुल चटा देंगे। मीडिया से बातचीत के दौरान वे बीच-बीच में मुस्कुराते भी रहे, CRPF की कोबरा टीम के सेकंड इन कमांड अफसर संदीप द्विवेदी की ये मन मोहक मुस्कान सब को अपनी ओर आकर्षित कर रही है।

साथियों को बचाते हुए विस्फोट की चपेट में आ गए

बीजापुर में बीते शनिवार को हुई मुठभेड़ में संदीप पर नक्सलियों ने गोलियां चलाईं। पहाड़ की ऊंचाई से बम बरसाए। संदीप अपने साथी जवानों को बचाते हुए नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दे रहे थे। इतने में एक धमाका हुआ वे घायल हो गए। रविवार को इन्हें एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर से रायपुर लाया गया। अब इनका इलाज एक प्राइवेट अस्पताल में चल रहा है।

हमारे मूवमेंट की जानकारी नक्सलियों को मिल रही थी

मीडिया से बातचीत में संदीप ने बीजापुर में हुई नक्सल मुठभेड़ से जुड़ी अहम बात बताई। उन्होंने कहा कि जवानों के हर मूवमेंट की जानकारी गांव के लोग और महिलाएं नक्सलियों को दे रहे थे। इस वजह से नक्सलियों ने दूर पहाड़ी पर ऐसी पोजिशन पहले से ले रखी थी कि हम पर हमला कर सकें। हम भी जब जोनागुड़ा की तरफ जा रहे थे तो पता था कि कुछ हो सकता है वहां। जब टीम वहां गई तो उनकी तरफ से बड़ी फायरिंग की गई।

नक्सलियों का प्लान और बड़ा था

संदीप ने आगे कहा कि हमारे लड़कोंं ने उनका घेरा तोड़ दिया। जवानों की बहादुरी के चलते ही हम एक महिला नक्सली का शव रिकवर करने में कामयाब रहे नहीं तो नक्सली डेड बॉडी नहीं ले जाने देते। इस मुठभेड़ के लिए नक्सली पूरी तैयारी में थे, हमें इनपुट मिल रहे थे कि उनके बड़े कमांडर काफी समय से उस एरिया में थे। वहां उनका प्लान बड़ा था। मगर हम उन्हें नाकाम करने में कामयाब रहे। हमारा थोड़ा लॉस हुआ, मगर काफी नक्सली भी मारे गए।