छत्तीसगढ़ को जैविक राज्य बनाने शासन की कोई योजना नहीं, वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल के सवालों पर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे का जवाब..

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रायपुर। जैविक खेती की तरफ दुनिया आगे बढ़ रही है परंतु छत्तीसगढ़ सरकार इस दिशा में उदासीन बनी हुई है। जैविक खेती को लेकर राज्य सरकार की कोई विशेष कार्य योजना नहीं है।
आज विधानसभा में विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने जैविक खेती मिशन के तहत प्रावधानित बजट से संबंधित सवाल पूछा। बृजमोहन ने जानना चाहा कि राज्य पोषित जैविक खेती मिशन योजना अंतर्गत वर्ष 2018-19 में कितने बजट का प्रावधान था? प्रदेश में किन -किन फसलों का उत्पादन किन किन क्षेत्रों में किया जाता है तथा शासन द्वारा विक्रय हेतु क्या व्यवस्था किसानों को दी गई है। साथ ही उन्होंने पूछा की क्या जैविक उत्पादों के उत्पादन एवं पंजीकरण हेतु शासन स्तर पर कोई अनुदान दिया जाता है, यदि दिया जाता है तो कितना? क्या राज्य को सत प्रतिशत जैविक राज्य बनाने हेतु शासन की कोई योजना है? जिन क्षेत्रों में जैविक उत्पादन किया जा रहा है उन जगहों पर रासायनिक उर्वरक, कीटनाशक,नींदानाशक के उपयोग में कितने प्रतिशत की कमी आई है।
इस पर लिखित जवाब देते हुए कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि राज्य पोषित जैविक खेती मिशन के अंतर्गत वर्ष 2018-19 में 30 करोड़ रुपये एवं वर्ष 2019-20 में रुपये15 करोड़ का प्रावधान था। साथ ही बताया कि विभिन्न जिलों के मंडियों,किसान मेला,क्रेता-विक्रेता सम्मेलन,भारत सरकार के जैविक खेती पोर्टल आदि के माध्यम से जैविक फसलोत्पादन के विपणन को प्रोत्साहित किया जा रहा है।उन्होंने बताया कि राज्य पोषित जैविक खेती मिशन योजना के तहत जैविक कृषि तकनीकी पर फसल प्रदर्शन की आयोजन हेतु चयनित कृषकों को 10000 रुपए एकड़ प्रति वर्ष 3 वर्ष के लिए तथा जैविक प्रमाणीकरण हेतु 3 वर्ष की रूपांतरण अवधि से कुल राशि ₹4000 प्रति एकड़ अनुदान का प्रावधान है। श्री चौबे ने बताया कि सत प्रतिशत जैविक राज्य बनाने हेतु शासन की कोई भी योजना संचालित नहीं है।