कांकेर में स्थापित इस नक्सली की मूर्ति को नहीं किया जाएगा ध्वस्त, खास है वजह…..

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जगदलपुर। पुलिस ने फैसला किया है कि छत्तीसगढ़ के जिला कांकेर के ग्राम आलदण्ड में स्थापित की गई नक्सल कैडर सोमजी की मूर्ति नही तोड़ी जाएगी। पुलिस द्वारा लिए गए इस फैसले के पीछे खास वजह है। सोमजी का स्मारक हिंसा एवं नकारात्मक विचारों के परिणाम दुखद एवं दर्दनाक होने का संदेश माओवादी कैडर को देते रहेगा। इस दुखद परिणाम को देखकर वो हिंसा का रास्ता छोड़ सके और समाज की मुख्यधारा में जुड़ सके।

आईईडी विस्फोट में हुई थी दर्दनाक मौत

आपको बता दें 18 फरवरी 2021 को जिला कांकेर के आमाबेड़ा थाना क्षेत्र के चुकलापाल के पास सुरक्षाबल को क्षति पहुंचाने की नीयत से माओवादी के उत्तर बस्तर डिवीजन के कमेटी सदस्य सोमजी उर्फ सहदेव वेदड़ा द्वारा आईईडी लगाया जा रहा था। उसी दौरान आईईडी विस्फोट हो गया। इसकी चपेट में आकर सोमजी का चिथड़े उड़ गए। मौके पर ही उसकी दर्दनाक मौत हो गई।

14 साल की उम्र में जबरन माओवादी संगठन में किया गया था भर्ती

घटना के बाद सोमजी उर्फ सहदेव वेदड़ा की गृह ग्राम आलदण्ड थाना छोटे बेठिया जिला कांकेर में उनकी मूर्ति स्थापित करने के संबंध में परिजन एवं स्थानीय पुलिस से ग्रामीणों द्वारा संपर्क किया गया। परिजन एवं ग्रामीणों द्वारा अवगत कराया गया कि सोमजी का घर का नाम मनीराम है, इसका बचपन गांव के अन्य बच्चों जैसे खेलते-कूदते एवं पढ़ते बीता है। इस दौरान वर्ष 2004 में उत्तर बस्तर डिवीजन के सीपीआई माओवादी कैडर सुजाता, ललिता एवं रामधेर द्वारा 14 साल की उम्र में जबरन उनको माओवादी संगठन में भर्ती कर दिया और उसके हाथ में बंदूक थमा दिया गया। बाहरी माओवादी कैडर के चंगुल में फंसे हुए नक्सल कैडर सोमजी लगातार नकारात्मक एवं हिंसात्मक कार्यों में लगा रहा। अंत में खुद हिंसा का शिकार होकर 18 फरवरी 2021 को दर्दनाक मौत हो गई।
सोमजी उर्फ मनीराम की मूर्ति को नहीं किया जाएगा ध्वस्त : बस्तर आईजी सुन्दरराज पी।

बस्तर आईजी सुन्दरराज पी। द्वारा बताया गया कि ग्राम आलदण्ड में स्थापित की गई सोमजी उर्फ मनीराम की मूर्ति को ध्वस्त नहीं किया जाएगा। उस स्थान को हिंसा एवं नकारात्मक विचार के विरूद्ध सीख लेने की पाठशाला के रूप में प्रचारित की जाएगी।