26 दिसंबर को लगेगा इस साल का सूर्य ग्रहण, जानें किस समय से लग जाएगा सूतक, पढ़ें इसके पीछे का पौराणिक महत्व..

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रायपुर। साल 2019 का आखिरी सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर को पड़ने वाला है इसका प्रभाव पूरे देश समेत पूरी दुनिया में पड़ेगा ज्योतिषी के मुताबिक सूर्य ग्रहण भारत के अलावा मंगोलिया, चीन, रूस, जापान, आस्ट्रेलिया के उत्तरी क्षेत्र, तुर्की, पूर्वी अफ्रीका, पूर्वी अरब, हिंद महासागर, इंडोनेशिया, नेपाल, जापान, कोरिया आदि में दिखाई देगा।

इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर को पड़ने वाला है। इस बार के सूर्य ग्रहण की खास बता यह है कि यह भारत में भी दिखाई देगा। भारत में यह केरल के चेरुवथुर में दिखाई देगा। बताया जा रहा है कि यहां सूर्य ग्रहण साफ नजर आएगा। सूर्य ग्रहण को देखने को लेकर यहा तैयारियां की जा रही हैं।

भारत समेत दुनिया के पूर्वी यूरोप, उत्तरी-पश्चिम ऑस्ट्रेलिया और पूर्वी अफ्रीका में यह सूर्य ग्रहण देखा जा सकता है। बताया जा रहा है कि आंशिक सूर्य ग्रहण सुबह 8.04 मिनट से शुरू होगा। सूर्य ग्रहण सुबह 9.24 से चंद्रमा सूर्य के किनारे को ढकना शुरू कर देगा। इसके बाद सुबह 9.26 तक पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। 11.05 तक यह सूर्य ग्रहण समाप्त हो जाएगा। कुल मिलाकर 3.12 मिनट का यह सूर्य ग्रहण होगा।

ज्योतिषी डॉ. होस्केरे के अनुसार कोई भी ग्रहण हो, उसका प्रभाव धरती के किसी न किसी भाग पर अवश्य पड़ता है। ग्रहण के प्रभाव से आंधी-तूफान, भूकंप समेत अन्य प्राकृतिक आपदाएं आती हैं।

बता दें बीत रहे साल 2019 में कुल पांच ग्रहण का संयोग बना था। इसमें से तीन सूर्य ग्रहण और दो चंद्रग्रहण थे। हालांकि पांच में से मात्र दो ग्रहण दिखाई देने से देश में सूतक लगा था। पांच ग्रहण में से चार ग्रहण हो चुके हैं, पांचवां सूर्य ग्रहण साल के अंतिम सप्ताह में 26 दिसंबर को पड़ रहा है। यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसलिए ग्रहण का प्रभाव भी पड़ेगा।

ज्योतिषाचार्य डॉ. दत्तात्रेय होस्केरे के अनुसार पौष मास की अमावस्या को पड़ रहे सूर्य ग्रहण के प्रभाव से देश के प्राकृतिक वातावरण में बदलाव आएगा। देश के अधिकांश भागों में नमी छाएगी, ठंड बढ़ेगी और कहीं-कहीं बारिश की भी संभावना है।

नए साल में दो सूर्य ग्रहण, एक ही दिखेगा

नए साल 2020 में आकाश मंडल में दो सूर्य ग्रहण का संयोग बन रहा है। अमूमन ऐसा होता है कि साल भर में एक सूर्य और एक चंद्र ग्रहण पड़ता है।

इस साल चंद्र ग्रहण नहीं पड़ रहा है। दो सूर्य ग्रहण में से भी भारतीय भू-भाग में मात्र एक ग्रहण को ही देखा जा सकेगा। दूसरा ग्रहण दूसरे देशों में दिखाई देगा।

नए साल के ग्रहण की खासियत यह है कि एक ग्रहण साल के मध्य यानी जून में पड़ेगा और दूसरा साल के आखिरी में दिसंबर में पड़ेगा।

दिसंबर का ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। ऐसी मान्यता है कि जो ग्रहण दिखाई नहीं देता उसका सूतक नहीं माना जाता और पूजा-पाठ में कोई अवरोध नहीं होता।