CAA पर विपक्षीयो को ……. अमित शाह का करारा जवाब, अरविंद केजरीवाल पर भी निशाना साधा

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To the opposition on CAA... Amit Shah's befitting reply, also targeted Arvind Kejriwal

देशभर में लागू नागरिकता संशोधन क़ानून CAA पर विपक्षि दल से लगातार केंद्र सरकार पर बहुत से विरोध में प्रश्न उठ रहे हैं, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी और ओवैसी विपक्षी नेताओ का कहना है नागरिकता संशोधन क़ानून CAA एंटी मुस्लिम हैं

अमित शाह सभी विपक्षी नेताओं को करारा जवाब देते हुए कहा कि “इसका क्या तर्क है? ये एंटी मुस्लिम कैसे है… मुसलमानों पर इसलिए धार्मिक प्रताड़ना नहीं हो सकती क्योंकि तीनों देश घोषित इस्लामिक स्टेट हैं… इस कानून में NRC का कोई प्रावधान नहीं है। इस कानून में किसी की नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है।”

केंद्र सरकार का CAA लागू करने का उद्देश्य समझाते हुए अमित शाह नें कहा कि “CAA का उद्देश्य, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में सताए गए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों समेत गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देना है। इन देशों से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए लोगों को CAA के तहत नागरिकता देने का प्रावधान है।”
विपक्ष पूछये गये , ईसाईयों को नागरिकता देने या फिर पारसी को नागरिकता देने मगर मुस्लिमों को नागरिकता न देने के सवाल पर अमित शाह ने जवाब दिया कि “पड़ोसी देशों के मुस्लिम भी भारत में नागरिकता पा सकते हैं मगर इसके लिए उन्हें देश में घुसपैठियों की तरह नहीं आना होगा। वो कानूनी तरीके से आएं और भारत की नागरिकता के लिए आवेदन दें।”
अमित शाह ने CAA को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर कहा कि वो दिन दूर नहीं है, जब बीजेपी बंगाल में भी सत्ता में आएगी और घुसपैठ को रोक देगी। अगर आप इस तरह की राजनीति करते हो और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर तुष्टिकरण की राजनीति कर घुसपैठ होने देते हो और शरणार्थियों को नागरिकता देने का विरोध करते हैं तो देश की जनता आपके साथ नहीं है।

अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी शरण लेने और घुसपैठ करने के अंतर को नहीं समझती। CAA को कभी वापस नहीं लिया जाएगा। हमारे देश में भारतीय नागरिकता सुनिश्चित करना हमारा संप्रभु अधिकार है, हम इस पर समझौता नहीं करेंगे।
इससे पहले CAA की आलोचना करते हुए ओवैसी ने कहा था कि इसे NPR और NRC के साथ जोड़कर देखा जाना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि अमित शाह ने उन्हें संबोधित करते हुए संसद में कहा था कि NRC और NPR भी आएगा। यह रिकॉर्ड में है…” इसके जवाब में अमित शाह ने कहा कि CAA के कानून में NRC छीनने का कोई प्रावधान नहीं है। इसे मिक्सअप करके नहीं देखा जाना चाहिए।

नागरिकता संशोधन क़ानून कि आलोचना करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से बड़ी संख्या में लोग भारत आएंगे, जिससे चोरी, डकैती और रेप जैसी वारदातें बढ़ेंगी।
इसका जवाब देते हुए हैं अपने एएनआई इंटरव्यू पर कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अपने भ्रष्टाचार के उजागर होने से अपना आपा खो चुके हैं। उनको शायद मालूम नहीं है कि ये सभी लोग भारत आ चुके हैं, भारत में ही रह रहे हैं, बस उन्हें अधिकार नहीं मिला है।
अमित शाह ने कहा कि उन्हें वो अधिकार देने की बात है। ऐसे में 2014 तक जो गैर शरणार्थी भारत आ गए हैं, उन्हें नागरिकता देनी है। अगर केजरीवाल को इतनी ही चिंता है तो वे क्यों बांग्लादेशी घुसपैठियों की बात नहीं करते? रोहिंग्या का विरोध क्यों नहीं करते? क्योंकि वो वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं।
अमित शाह ने कहा कि दिल्ली का चुनाव केजरीवाल के लिए लोहे के चने चबाने जैसा है। वो इसलिए वोट बैंक की पॉलिटिक्स कर रहे हैं। अमित शाह ने सवालिया लहजे में पूछा कि क्या बांग्लादेशी घुसपैठिए नौकरी का अधिकार नहीं छीन रहे हैं? रोहिंग्या नहीं छीन रहे हैं। इनके लिए तो आप कभी नहीं बोले। सिर्फ हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शरणार्थियों का ही आप विरोध कर रहे हैं।