महिला श्रमिकों की सुरक्षा का जिम्मा महिला कर्मचारियों को… लॉक डाउन में भी महिलाओं की सुरक्षा का रखा जा रहा विशेष ध्यान… पुर्नवास केंद्रों में महिला कोरोना वारियर्स निभा रही अपनी जिम्मेदारी..

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गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। लॉक डाउन के दौरान जिले में महिला की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। दूसरे प्रदेशों से आए श्रमिकों और मजदूर महिलाओं की जरुरतों और सुरक्षा का महिला कर्मचारियों द्वारा ख्याल रखा जा रहा है। जिलेभर में पुनर्वास केंद्र स्थापित किये गये है। ये केंद्र होस्टलों में अस्थाई रुप से बनाया गया है। जहां केवल महिलाएं और उनके बच्चे साथ रहते है। ये वो मजदूर है जो सड़क किनारे या जहां निर्माण कार्यचल रहे है वहां की झोपियों में रहने वाली मजदूर महिलाएं है। इसकी जरुरतों और सुरक्षा का जिम्मा महिला कर्मचारियों ने बीड़ा उठाया है।

प्रवासी महिला श्रमिकों और उनके परिवार के बच्चों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए जिले में महिला कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। महिलाओं की ड्यूटी लगाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि उन्ही महिलाओं की ड्यूटी लगाई जाए, जहां वे हॉस्टलों में रहती हैं। श्रमिकों और मजदूर महिलाओं और बच्चों की अधिक संख्या होने की वजह से कुछ शिक्षिकाओं की भी ड्यूटी लगाई गई है। जो कोरोना संकट के बीच श्रमिक महिलाओं की सुरक्षा और उनके रहने और भोजन की व्यवस्था कर सकें। लॉकडाउन में श्रमिक महिलाओं की समस्याओं को महिला कर्मचारी बेहतर तरीके से समझते हुए तत्काल समाधान का सराहनीय कार्य कर रही हैं। उनके इस जब्बे को समाज का हर वर्ग सलाम रहा है। आपातकालीन स्थिति में संवेदनशीलता और सेवाभावना से कार्य करने में  महिला कर्मचारियों ने भी रुचि दिखाई है।

जिन हॉस्टलों को अस्थाई पुनर्वास केंद्र बनाकर मजदूरों के लिए भोजन और आवास की व्यवस्था की गई है। इस दौरान महिला कर्मचारियों को सिर्फ भोजन की व्यवस्था करवाने और सामान्य पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी दी गई है। किसी भी महिला कर्मचारी को हॉस्टल से बाहर जाकर कार्य करने की अनुमति नहीं है। महिला कर्मचारियों के लिए नियत हॉस्टल में ही रहकर कार्य करने का आदेश दिया गया है। 

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही की महिला कर्मचारियों को कोरोना वारियर्स की निभाते देख सकते है। जो प्रवासी महिला श्रमिकों और बच्चों के लिए भोजन, आवास और अन्य जरूरतों का ध्यान रख रही हैं। कोरोना वाइरस संक्रमण से बचाव के लिए जिले में अनेक मजदूरों को आइसोलेशन में रखा गया है। लॉक डाउन की वजह से इलाके में कई दिहाड़ी करने वाले मजदूर और गरीब भी फंसे हुए हैं। ऐसी स्थिति में उन सभी मजदूरों और गरीबों के लिए दोनों समय के लिए शुद्धतापूर्ण भोजन की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है। जिसके लिए शिफ्ट के हिसाब से कुछ महिला कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है, जो पूरी संवेदनशीलता के साथ अपना दायित्व का पूरी इमानदारी से निर्वहन कर रहीं हैं। 

बरौद में छात्रावास अधीक्षिका ज्योति कौशिक कहती है वे इस कार्य को सेवा भावना के रुप में देखती है। उन्हें जब यह दायित्व मिला तो एहसास हुआ कि कोरोना संकट की परिस्थिती में महिलाएं भी सामाजिक दायित्व का कुशलतापूर्वक निर्वहन कर सकती हैं। वे कहती है लॉकडाउन में ये ऐसा अवसर है जब दूसरे राज्यों के मजदूर श्रमिक भाईयों और बहनों की सेवा का हम अपनी तरफ से बेहतर और पूरी सुऱक्षा के साथ प्रयास कर रहे हैं। ज्योति कहती है ये सब संभव जिला अधिकारियों के सहयोग, मार्गदर्शन और प्रोत्साहन से हो रहा है। सीनियर्स के मार्गदर्शन से हम ल़ॉक डाउन के दौरान उत्कृष्ट तरीके से अपने कर्तव्य निर्वहन की प्रेरणा मिल रही है।

छात्रावास अधीक्षिका ज्योति कौशिक के साथ टीम की सदस्य भृत्य हेमंत उइके और भगवती केंवट अपने काम को बेहतर ढंग से कर रही हैं। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा जो भी दिशानिर्देश प्राप्त होगा, उसका पूरी कर्तव्यनिष्ठा से हमारे द्वारा पालन  किया जा रहा। गौरेला – पेंड्रा-मरवाही जिले में महिला कोरोना वारियर्स के रूप में अनेक महिला कर्मचारी युद्धस्तर पर अपने उत्तर दायित्यों का निर्वहन कर रही हैं।

महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला परियोजना अधिकारी कुजूर लॉक डाउन के दौरान जोनल अधिकारी के रूप में काम कर रही है। वे कहती है जिला स्तर के अधिकारियों के नेतृत्व में टीम भावना के साथ कार्य किया जा रहा है। इस संकट की घड़ी में विभाग की महिला कर्मचारी सेवा भावना के साथ पूरी संवेदनशीलता से अपने दायित्वों को पूरा कर रही है। जोनल अधिकारी के रूप में काम करते हुए ग्राम स्तरीय कर्मचारियों के साथ ही जिला स्तर के अधिकारियों का भी सहयोग, मार्गदर्शन और प्रोत्साहन मिल हो रहा है। जिससे बेहतर तरीके से और सुरक्षित रखते हुए काम किया जा रहा हैं।

उन्होंने बताया कि महिला बाल विकास विभाग द्वारा रेडी टू ईट फ़ूड का वितरण जिले के तीनों ब्लॉक में किया जा रहा है। महिला कोरोना वारियर के रूप में परियोजना अधिकारी कुजूर द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए टीम भावना के साथ कोरोना संक्रमण के खिलाफ जारी लड़ाई मे युध्दस्तर पर कार्य किया जा रहा है।

इस संकट की स्थिती में महिलाओं की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। प्रवासी श्रमिक महिलाओं को किसी भी तरह को कोई दिक्कत न हो इसके लिए अलग से व्यवस्था की गई है। उनकी जरुरतों को पूरा करने के लिए महिला कर्मचारियों की तैनाती की गई है। ताकि वे असजह महसूस न करें। महिला श्रमिकों की सुरक्षा के लिए महिला कर्मचारियों की ड्यूटी लगाना एक सराहनीय पहल है। उनके द्वारा किये जा रहे कार्य की अब पूरे प्रदेश में प्रशंसा हो रही है।