कल आप चुनेंगे दुर्ग का सांसद, उससे पहले एक बार इस सीट का टोटल रिकाल…जानिए पुराना इतिहास..

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22 अप्रैल 2019 भिलाई। प्रदेश की हॉट लोकसभा सीटों में दुर्ग शुमार है। इस सीट ने कांग्रेस, भारतीय लोकदल, जनता दल और भाजपा को जीत का स्वाद चखाया तो पटखनी भी दी। हालांकि मोदी लहर के बावजूद 2014 में कांग्रेस को वोटरों का साथ मिला और यहां कमल नहीं खिल पाया। पांच लोकसभा चुनावों से लगातार भाजपा के कब्जे में रही इस सीट को कांग्रेस छीन ले गई। यहां से ताम्रध्वज साहू ने 16 हजार से ज्यादा मतों से भाजपा की तत्कालीन सांसद सरोज पांडे को शिकस्त दी थी। दुर्ग लोकसभा सीट पर इस बार कुल 21 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। यहां से भारतीय जनता पार्टी ने विजय बघेल, कांग्रेस पार्टी ने प्रतिमा चंद्रकार, बहुजन समाज पार्टी ने गीताजंलि सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है।

छत्तीसगढ़ की 11 में से सिर्फ दुर्ग लोकसभा सीट ही बचा सकी थी कांग्रेस

ताम्रध्वज साहू ने 16 हजार से ज्यादा वोटों से भाजपा से तत्कालीन सांसद सरोज पांडे को हराया था। प्रदेश की हॉट लोकसभा सीटों में दुर्ग शुमार है। इस सीट ने कांग्रेस, भारतीय लोकदल, जनता दल और भाजपा को जीत का स्वाद चखाया तो पटखनी भी दी। हालांकि मोदी लहर के बावजूद 2014 में कांग्रेस को वोटरों का साथ मिला और यहां कमल नहीं खिल पाया। पांच लोकसभा चुनावों से लगातार भाजपा के कब्जे में रही इस सीट को कांग्रेस छीन ले गई। यहां से ताम्रध्वज साहू ने 16 हजार से ज्यादा मतों से भाजपा की तत्कालीन सांसद सरोज पांडे को शिकस्त दी थी। दुर्ग लोकसभा सीट पर इस बार कुल 21 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। यहां से भारतीय जनता पार्टी ने विजय बघेल, कांग्रेस पार्टी ने प्रतिमा चंद्रकार, बहुजन समाज पार्टी ने गीताजंलि सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है।

अब तक हुए 16 चुनावों में 9 बार कांग्रेस के खाते में गई सीट

यह सीट 1952 में हुए पहले संसदीय चुनाव के समय से अस्तित्व में है। 1952 से अब तक हुए 16 चुनावों में से 9 बार ये सीट कांग्रेस के खाते में गई। यहां से सर्वाधिक पांच बार कांग्रेस के चंदूलाल चंद्राकर के सिर पर ताज रहा। भारतीय लोकदल के मोहन भैय्या व जनता दल से पुरुषोत्तम कौशिक कांग्रेस विरोधी लहर में जीते। भाजपा ने पहली बार 1996 में बीएसपी के अधिकारी डॉ. मनराखन लाल साहू को कांग्रेस के चंदूलाल के खिलाफ उतार कर जातीय समीकरण का कार्ड खेला।

तब इस सीट पर कुर्मी जाति का वर्चस्व था। भाजपा के मनराखन लाल चुनाव हार गए। उसी साल फिर हुए चुनाव में भाजपा का परचम पहली बार ताराचंद साहू ने 1996 में लहराया। तब से यह सीट भाजपा के कब्जे में रही, लेकिन कांग्रेस के ताम्रध्वज साहू ने इसे भाजपा से छीना। 1952 से 1999 के बीच दुर्ग निर्वाचन क्षेत्र मध्य प्रदेश का हिस्सा था। इसके बाद 2004 से 2014 में बतौर छत्तीसगढ़ का हिस्सा दुर्ग में तीन लोकसभा चुनाव हो चुके हैं।

दुर्ग लोकसभा सीट से 2014 में कांग्रेस के ताम्रध्वज साहू ने जीत हासिल की थी। दिसंबर 2018 में ताम्रध्वज साहू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद ये सीट रिक्त हो गई है। उन्होंने पिछले साल दुर्ग ग्रामीण की विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीते। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर 68 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया था। पिछले चुनाव में 12 लाख 58 हजार से ज्यादा मतदाताओं ने वोट डाले थे। विजेता उम्मीदवार ताम्रध्वज साहू को 5 लाख 70 हज़ार से ज्यादा वोट मिले थे। उन्होंने 16 हजार 848 वोटों से जीत दर्ज की थी।

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