दोना पत्तल मशीन विक्रेता पर लगा 1.41 लाख हर्जाना, जिला उपभोक्ता फोरम दुर्ग का फैसला..

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दुर्ग 27 दिसंबर, 2019। जीविकोपार्जन के लिए खरीदी गई दोना पत्तल बनाने की मशीन के खराब निकलने पर मशीन को नहीं सुधारने एवं विक्रय पश्चात सुविधा प्रदान नहीं करने को व्यवसायिक कदाचरण एवं सेवा में निम्नता का परिचायक मानते हुए जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल व सदस्य राजेन्द्र पाध्ये ने डीलर पर 141000 रुपये हर्जाना लगाया। 

परिवादी की शिकायत

दोना-पत्तल, डिस्पोजल ग्लास बनाने की मशीन बेचने वाले विक्रेता एस के इंटरप्राइजेस रायपुर द्वारा विज्ञापन एवं कैटलॉग छपाकर अपनी मशीन का प्रचार किया गया, जिससे प्रभावित होकर बालोद जिले के ग्राम उमरादाह निवासी चंद्रकांत निषाद ने अनावेदक विक्रेता से 130000 रुपये में दोना पत्तल निर्माण करने वाली मशीन खरीदी, जिस पर विक्रेता डीलर ने 5 साल की वारंटी एवं 5 साल की अनलिमिटेड फ्री सर्विसिंग प्रदान करने की योजना बताई थी। परिवादी ने उक्त मशीन को अपने गृह ग्राम में लगाया जो केवल 20 दिन सही ढंग से चलने के पश्चात खराब हो गई, जिसकी जानकारी परिवादी ने विक्रेता डीलर को दी और बार बार शिकायत की लेकिन इसके बाद भी विक्रेता ने ना तो सुधार हेतु मैकेनिक भेजा, ना ही मशीन का खराब पार्ट्स बदला और ना ही किसी प्रकार की सर्विस दी। परिवादी ने जिला उपभोक्ता फोरम के समक्ष अनावेदक विक्रेता से मशीन की कीमत, मानसिक कष्ट की क्षतिपूर्ति एवं वाद व्यय दिलाए जाने की मांग की।

विक्रेता डीलर को जिला फोरम द्वारा रजिस्टर्ड नोटिस प्रेषित की गई, नोटिस प्राप्त होने के बाद भी वह प्रकरण में उपस्थित नहीं हुआ और ना ही उसने अपना जवाब पेश किया, इस कारण एकपक्षीय कार्यवाही करते हुए प्रकरण में विचारण किया गया।

फोरम का फैसला

प्रकरण में परिवादी की ओर से पेश दस्तावेजों  के आधार पर जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल व सदस्य राजेन्द्र पाध्ये ने यह प्रमाणित पाया कि परिवादी ने अनावेदक विक्रेता से दोना पत्तल निर्माण हेतु मशीन खरीदी थी। प्रकरण के विचारण के दौरान जिला उपभोक्ता फोरम ने यह कहा कि जब बेची गई मशीन में खरीदे जाने के कुछ दिनों में ही समस्याएं आ गई थी तो विक्रेता को बेहतर व्यवसायिक आचरण रखते हुए परिवादी की समस्या का निदान करने की दिशा में कदम उठाने चाहिए थे क्योंकि उसने परिवादी से 130000 जितनी बड़ी रकम ली है ऐसे में उसे ग्राहक की परेशानी व समस्या के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। विक्रेता द्वारा पाम्पलेट के माध्यम से स्वरोजगार योजना के तहत आजीविका कमाने का प्रलोभन देकर प्रोडक्ट बेचा जाता है और प्रोडक्ट बिकने के बाद वह अपने ग्राहकों को उच्च गुणवत्तायुक्त सेवाएं देकर संतुष्ट करने की बजाय उनकी उपेक्षा और अवहेलना करता है, विक्रेता डीलर का यह आचरण व्यावसायिक कदाचरण की श्रेणी में आता है।

जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल व सदस्य राजेन्द्र पाध्ये ने विक्रेता एस के इंटरप्राइजेस रायपुर के संचालक को व्यवसायिक कदाचरण एवं सेवा में निम्नता का जिम्मेदार ठहराते हुए 141000 रुपये हर्जाना लगाया, जिसके तहत विक्रेता डीलर, परिवादी को मशीन की कीमत 130000 रुपये, मानसिक कष्ट की क्षतिपूर्ति स्वरूप 10000 रुपये तथा वाद व्यय हेतु 1000 रुपये अदा करेगा एवं उक्त राशि पर 6% वार्षिक दर से ब्याज भी देगा।