पदोन्नत्ति पर हाईकोर्ट से रोक हटाने मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव से आवश्यक पहल करने की मांग..

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रायपुर 27 दिसंबर, 2019। 9 दिसंबर को बिलासपुर हाईकोर्ट द्वारा पारित अंतरिम आदेश WP (PIL) NO. 91/2019 के तहत पदोन्नत्ति पर रोक का क्रियान्वयन आदेश जारी होने से पदोन्नत्ति में होने वाले विलंब से टीचर्स एसोसिएशन ने चिंता जतायी है।

  • छत्तीसगढ़ टीचर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि पदोन्नति हेतु न्यायालयीन बाधा को दूर करें शासन।
  • एल बी संवर्ग के प्रथम कार्य भार ग्रहण अवधि की गणना कर शीघ्र पदोन्नति दे शासन।
  • शिक्षा विभाग में 20 हजार पद है रिक्त, कई वर्षों से लंबित है पदोन्नत्ति।

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष संजय शर्मा, प्रदेश संयोजक सुधीर प्रधान, वाजीद खान, प्रदेश उपाध्यक्ष हरेंद्र सिंह, देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, प्रांतीय सचिव मनोज सनाढ्य, प्रांतीय कोषाध्यक्ष शैलेन्द्र पारीक ने बताया कि प्रधान पाठक प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक, व्याख्याता, शिक्षक, प्राचार्य के पदों पर पदोन्नति के लिए राजपत्र में प्रावधान / नियम प्रकाशित हो चुका है, प्रमुख सचिव शिक्षा से हुई चर्चा अनुसार एल बी संवर्ग की पदोन्नत्ति में कोई बाधा नहीं आएगा। पदोन्नति की प्रक्रिया प्रारंभ हों चुकी है, ठीक इसी बीच माननीय उच्च न्यायालय से पदोन्नति सम्बंधी शासन द्वारा बनाये गए नियम को रोक लगाने के पश्चात, शासन द्वारा क्रियान्वयन आदेश जारी होने से पदोन्नति में विलंब होना स्वभाविक है।

प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मुख्य सचिव आरपी मंडल और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी से मांग किया है कि न्यायालयीन बाधाओं को दूर करने शासन का आवश्यक पक्ष न्यायालय में प्रस्तुत करके पदोन्नति हेतु रास्ता बनाया जावे, क्योकि अनेक वर्षों से पदोन्नत्ति नहीं होने से शिक्षकों व कर्मचारियों के मनोबल पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है तथा कार्यक्षमता भी प्रभावित होना स्वभाविक व नैसर्गिक है।

ज्ञात हो प्रदेश के प्राथमिक व माध्यमिक शाला में प्रधान पाठक के हजारो पद रिक्त है, प्राचार्य के भी पद पर पदोन्नति किये जाने का प्रावधान है, साथ ही व्याख्याता, शिक्षक के पदों पर पदोन्नति का नियम है, अतः न्यायालयीन बाधा को दूर कर एल बी संवर्ग के प्रथम कार्यभार ग्रहण तिथि को आधार मानकर शीघ्र पदोन्नति किया जावे।