03 जून 2019, रायपुर। अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण और 62 वर्ष तक जॉब सिक्योरिटी को लेकर सरकार के खिलाफ एक बार फिर से आंदोलन शुरू करने की तैयारी है। एक तरफ जहां छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने 16 जून को आंदोलन करने की घोषणा कर दी है, वहीं छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ ने भी सरकार को 16 जून तक का समय दिया है। मांग पूरी नहीं होने पर तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के आंदोलन का हिस्सा बनने की चेतावनी दी है।
नगरीय निकाय चुनाव के पहले संविदा और अनियमित कर्मचारी आंदोलन करके कांग्रेस सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। इसी कारण सरकार पर दबाव बनाने की नीति पर दोनों कर्मचारी संगठनों ने काम शुरू कर दिया है।
रविवार को छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ की कलेक्टोरेट गार्ड में अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर बैठक हुई। इसमें संघ के प्रदेश महामंत्री व प्रवक्ता विजय कुमार झा समेत अन्य पदाधिकारी शामिल हुए।
बैठक में इस बात की निंदा हुई कि सरकार ने संविदा कर्मियों से अपील का अधिकार छीन लिया है। यह बात भी उठी कि कांग्रेस सरकार ने अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था और अब उस वादे से मुकरती नजर आ रही है।
यह फैसला लिया गया कि 16 जून को बूढ़ापारा धरना स्थल पर ध्यानाकर्षण रैली और धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। दूसरी तरफ, छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ की बूढ़ेश्वर मंदिर प्रांगण में बैठक हुई, जिसमें प्रदेश पदाधिकारी और जिलाध्यक्ष शामिल हुए।
अनियमित कर्मचारी महासंघ के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक ठाकुर ने बताया कि आंदोलन में जाने से पहले सरकार से द्विपक्षीय वार्ता की कोशिश होगी। विभिन्न् विभागों में संविदा और अनियमित कर्मचारियों की छंटनी को रोकने के लिए मुख्मयंत्री व मंत्रियों से मुलाकात कर उन्हें घोषणापत्र के वादे याद दिलाए जाएंगे। इसके बाद भी सरकार सकारात्मक निर्णय नहीं लेती है तो आंदोलन का रास्ता पकड़ा जाएगा।
सीएम के राजनीतिक सलाहकार से मिले
बैठक के बाद अनियमित कर्मचारी महासंघ का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री के संसदीय सलाहकार राजेश तिवारी से मिला। उन्हें महासंघ की मांगों और आंदोलन की नीति से अवगत कराया। तिवारी ने मांगों की प्रति मांगी और उसे मुख्यमंत्री के सामने विचार के लिए रखने का आश्वासन दिया।