उम्मीदें टूटी: लोन की EMI में फिलहाल कोई बदलाव नहीं.. RBI ने नहीं बदली ब्याज दर..

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नई दिल्ली 4 जून, 2021। लॉकडाउन के बाद काफी लंबे समय से अपनी ईएमआई का इंतजार कर रहे भारतीय नागरिकों के लिए बुरी खबर है। दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट (repo rate) में बदलाव नहीं किया है। आरबीआई ने फैसला करते हुए रेपो रेट को 4 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। इससे होम सहित दूसरे लोन की ईमआई (EMI) घटने की उम्मीद खत्म हो गई है। रिवर्स रेपो रेट को 3.35 फीसदी पर बनाए रखा गया है।

क्यो रेपो रेट में नहीं हुआ बदलाव

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार सुबह 10 बजे आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मॉनेटरी पॉलिसी समिति (Monetary Policy Committee) की तीन दिवसीय बैठक के बाद रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट को अपरिवर्तित बनाए रखने का फैसला किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय बैंक अपनी मौद्रिक नीति का रुख लचीला (accommodative) बनाए रखेगा।

3 दिन की बैठक के बाद आरबाई समिति का फैसला

आरबीआई (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी समिति (Monetary Policy Committee) की बैठक 2 जून को शुरू हुई थी। समिति रेपो रेट (Repo Rate) और रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rage) के बारे में फैसला करती है। ज्यादातर जानकारों का मानना था कि इस बार मौद्रिक नीति में केंद्रीय बैंक रेपो रेट में बदलाव नहीं करेगा। इसे 4 फीसदी पर बरकररार रखा जाएगा, जबकि रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर बना रहेगा।

जानिए क्या है रेपो रेट?

आरबीआई के रेपो रेट घटाने पर लोन (Loan) सस्ता हो जाता है। ठीक इसके उलट रेपो रेट (repo rate) बढ़ने पर लोन महंगा हो जाता है। आरबीआई हर दो महीने पर रेपो रेट की समीक्षा करता है। रेपो रेट वह दर है जिस पर बैंक आरबीाई से उधार लेते हैं। आम तौर पर बैंकों के लोन की दर रेपो रेट पर निर्भर करती है। रेपो रेट में बदलाव का फैसला एमपीसी (MPC) के सदस्य करते हैं। रिवर्स रेपो रेट वह दर है, जिस पर बैंकों को आरबीआई के पास जमा अपने पैसे पर ब्याज मिलता है।

ऐसे लगाते हैं महंगाई का अनुमान

आरबीआई अपनी मौद्रिक पॉलिसी में अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में भी बताता है। वह महंगाई यानी मुद्रास्फीति का अपना अनुमान भी पेश करता है। आरबीआई की एमपीसी ने 31 मार्च, 2026 तक मुद्रास्फीति की सालाना दर के लिए 4 फीसदी का लक्ष्य तय किया है। इसके इस स्तर से 2 फीसदी बढ़ने या 2 फीसदी घटने की गंजाइश शामिल होगी।

जीडीपी ग्रोथ के अनुमान में कमी

आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ के अपने अनुमान को घाटकर 9.5 फीसदी कर दिया है। पहले उसने ग्रोथ 10.5 फीसदी रहन का अनुमान जताया था। केंद्रीय बैंक ने अर्थव्यवस्था पर कोरोना की दूसरी लहर के असर को देखते हुए ग्रोथ का अनुमान घटा दिया है।