खुशखबरी: अब ताउम्र रहेगी TET की मान्यता.. शिक्षा मंत्रालय का बड़ा फैसला…

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रायपुर। शिक्षक की नौकरी का सपना देखने वाले लाखों युवाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। केंद्र सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा यानि TET (Teachers Eligibility Test ) के योग्यता प्रमाण पत्र की वैधता को 7 साल से बढ़ाकर ताउम्र कर दिया है। यह व्यवस्था 2011 से प्रभावी होगी। शिक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को इस संबंध में आदेश जारी किया है।

  • पहले टीईटी करने के बाद यदि कोई व्यक्ति सात साल के भीतर शिक्षक नियुक्त नहीं होता है, तो फिर से उसे टीईटी परीक्षा पास करनी होती थी।
  • नई नौकरी के लिए आवेदन में भी यह प्रक्रिया आड़े आती थी। अब ऐसा नहीं है। एक बार टीईटी पास करने बाद इसका प्रमाणपत्र आजीवन मान्य रहेगा।
  • हर साल केंद्र सरकार या राज्य सरकार की आयोजित होने वाली टीईटी परीक्षाओं में लाखों उम्मीदवार बैठते हैं।
  • उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) पांच साल के लिए मान्य होती है। सीटीईटी की वैधता 7 साल के लिए होती है।
  • राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के 11 फरवरी 2011 के दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि राज्य सरकार टीईटी का आयोजन करेगी और टीईटी योग्यता प्रमाणपत्र की वैधता की अवधि परीक्षा पास होने की तिथि से सात वर्ष तक होगी।
  • सीबीएसई हर साल दो बार सीटीईटी परीक्षा आयोजित करता है। पहली परीक्षा जुलाई और दूसरी दिसंबर के महीने में आयोजित की जाती है।
  • सीटेट के पेपर -1 में भाग लेने वाले सफल उम्मीदवार कक्षा 1 से लेकर कक्षा 5 तक के लिए होने वाली शिक्षक भर्ती के लिए योग्य माने जाते हैं, जबकि पेपर -2 में बैठने वाले सफल अभ्यर्थी कक्षा 6 से 8वीं तक के लिए होने वाली शिक्षक भर्ती के लिए योग्य माने जाते हैं।