कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता यूनिवर्सिटी में हाई वोल्टेज ड्रामा, NUSI ने पदभार ग्रहण करने से रोका तो ABVP के घेरे से पहुंचे KTU कैंपस और बंद कमरे में कराया पदभार ग्रहण.. राज्यपाल से भी मिले नए कुलपति बलदेव भाई…

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रायपुर। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति के बाद भी विवाद बढ़ता जा रहा है। पहले कुलपति नियुक्त नहीं हो पाने के कारण चर्चा में रहा और अब कुलपति की नियुक्ति के बाद यहां घमासान मचा हुआ है। स्थिति यह है कि जहां विश्वविद्यालय के भीतर एबीवीपी और एनएसयूआई आमने सामने हैं तो बाहर राजभवन और कांग्रेस की सरकार आमने सामने हैं। आलम ये है कि यूनविर्सिटी पढ़ाई लिखाई के बदले सियासी अखाड़ा बन गया है। दरअसल संघ की विचारधारा रखने वाले प्रो. बलदेव भाई शर्मा को कुशाभाऊ ठाकरे यूनिवर्सिटी का नया कुलपति बनाया है। इसका आदेश कल राजभवन से निकाला गया। सूत्रों की माने को इस आदेश के बारे में सरकार को भनक तक नहीं लगी। जिसके बाद ये बखेड़ा खड़ा हुआ है।

पढ़ें आज का पूरा घटनाक्रम..

  • पत्रकारिता विश्वविद्यालय में गुरुवार को हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला।
  • नव नियुक्त कुलपति प्रो. बल्देवभाई शर्मा सुबह यूनिवर्सिटी में पदभार ग्रहण करने पहुंचे तो उन्हें कांग्रेस के छात्र विंग एनएसयूआई का विरोध झेलना पड़ा।
  • एनएसयूआई ने मेन गेट पर धरना दिया। इसके बाद कुलपति जिस चेंबर में बैठे थे, वहां धरना देकर नारेबाजी शुरू कर दी।
  • इसके बाद प्रो. शर्मा बगैर पदभार ग्रहण किए ही लौट गए। इसके बाद उन्होंने राज्यपाल अनुसुईया उइके से मुलाकात की।
  • राज्यपाल से मिलने के बाद प्रो. बल्देव शर्मा फिर एबीवीपी, बीजेपी के कार्यकर्ताओं के घेरे में केटीयू गए और पदभार ग्रहण किया।
  • इन सबके बीच राजभवन और कांग्रेस सरकार के बीच ठन गई है।
  • कांग्रेस के प्रदेश संचार प्रमुख शैलेष नितिन त्रिवेदी का कहना है कि शिक्षण संस्थानों में किसी संघी को बर्दाश्त नहीं कर सकते।
  • इसके जवाब में बीजेपी के प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव का कहना है कि कोई न कोई किसी न किसी विचारधारा से जुड़ा होता है। इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।

सरकार लेगी ठोस निर्णय

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि नियुक्ति में सरकार से परामर्श नहीं लिया गया। जबकि नियमानुसार सरकार से बगैर परमर्श किए नियुक्ति आदेश जारी नहीं किया जा सकता। ऐसे में भविष्य में फिर इस तरह की स्थिति न बने इसलिए सरकार उचित कदम उठाएगी।