नक्सल प्रभावित एरिया में सौर ऊर्जा से रौशन हुए 11 हजार 886 घर, ग्रामीण बोले- अंजोर आगे..

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रायपुर 21 मई, 2019 छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके के 11 हजार 886 गावों में सौर ऊर्जा से घरे रौशन हो गई है। घर रौशन होने से ग्रामीण में खुशी है। इन गावों में बीते साल के अंतिम महीने तक बिजली नहीं पहुंची थी। यहां के ग्रामीण एवं आदिवासी परिवार अंधेरे में जीवन यापन करने को मजबूर थे। दरअसल भूपेश बघेल की सरकार ने क्रेडा को टारगेट दिया था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में संवेदनशीलता का परिचय देते हुए इन इलाकों में सौर ऊर्जा से बिजली प्रदान के निर्देश दिये थे। जिसके बाद क्रेडा ने सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों पर अमल करते हुए महज तीन महिने में 11886 घरों को सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली से जोड़ा।

  • इनमें से अधिकांश घर LWE जिलों के है, जहां यह कार्य करना बहुत चुनौती भरा था।
  • इन गांवों में परम्परागत विद्युत ग्रिड से बिजली पहुंचाना संभव ही नहीं था।
  • क्रेडा की तत्परता और नई सरकार की पहल से इन अंधेरे घरों में रोशनी आई और गांव वालों का कहना है ’’अंजोर आया तो खुशियां आई’’।
  • क्रेडा को प्रदेश सरकार ने वन बाधित और नक्सल प्रभावित इलाके में रहने वाले परिवारों को सौर संयंत्र के माध्यम से बिजली प्रदान करने के निर्देश दिए थे।
  • क्रेडा की तत्परता से महज तीन माह में (जनवरी से मार्च) ही 11886 घरों में बिजली पहुंचा दी।
  • वर्तमान में केवल अतिसंवेदनशील नक्सल प्रभावित क्षेत्रों का कार्य शेष बचा है, जिसे बहुत शीघ्र पूर्ण करने के प्रयास किए जा रहे है।

लाभान्वित परिवारों को 200 वॉट क्षमता के सौर संयंत्र के साथ 05 नग उच्च क्षमता के एल.ई.डी. लाईट्स, 15 वॉट का पंखा, मोबाईल चार्जिंग, प्वाइंट तथा टी.वी. सॉकेट निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती है।

ग्रामीणों द्वारा बताया जा रहा है कि घर में बिजली आने से बच्चों की पढ़ाई व दिनर्चा बहुत सुगम हो गई है। ग्रामीण अब अपना रोजगार जैसे- टोकनी, झाडू आदि बनाने का कार्य रात्रि में भी कर पा रहे हैं।

पहले पंखा नही होने के कारण ग्रामीण भीषण गर्मी झेलने को मजबूर थे, अब इस परेशानी से उन्हे मुक्ति मिल गई है। रात्रि कालीन समय में भयमुक्त वातावरण, जहरीले जीव-जन्तुओं से सुरक्षा, शिक्षा में उन्नति, जीवन में सुधार के सपने को अब सौभाग्य योजना पूर्ण कर रही है।

क्रेडा द्वारा इन सभी सौर संयंत्रों की लगातार मानिटरिंग की जाती है तथा प्रत्येक क्लस्टर में अलग-अलग तकनीशियन इकाईयों द्वारा इन सभी संयंत्रों का रख-रखाव किया जाता है।

क्रेडा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आलोक कटियार ने बताया कि एल.डब्ल्यू.ई. जिलों के वनाच्छादित, दूरस्थ घरों में बिजली पहुंचाना एक चुनौतीभरा कार्य था। जिसे सरकार की प्राथमिकता के तहत अपेक्षित गति से पूरा किया गया।

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