नौकरी से निकाले गए तकनीकी सहायकों ने राष्ट्रपति से मांगी इच्छा मृत्यु, राज्यपाल को ज्ञापन देने पहुंचे निकाले गए कर्मचारी, कलेक्टर से पहले ही मुलाकात कर दे चुके हैं जानकारी…

0
131

5 मार्च 2019, रायपुर। जशपुर जिले में मनरेगा अंतर्गत काम करने वाले तकनीकी सहायकों का करीब 9 साल तक काम करने के बाद राज्य सरकार ने निकाल दिया है। जिसके बाद निकाले गए 4 कर्मचारियों ने अब इच्छा मृत्यु की मांगी है। तकनीकी सहायकों ने राष्ट्रपति के नाम जशपुर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि उन्हें बिना किसी कारण के नौकरी से निकाला गया है अब उनके पास आत्मदाह के सिवा और कोई दूसरा उपाय नहीं है।
यही नहीं जशपुर के रहने वाले सभी कर्मचारी मंगलवार को राजधानी रायपुर पहुंचे यहां वे राज्यपाल से मिलने राजभवन भी गए लेकिन उनकी राज्यपाल से मुलाकात नहीं हो सकी। जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति के नाम राजभवन में ज्ञापन सौंपकर बैरंग वापस लौट गए।

क्या कहना है निकाले गए कर्मचारियों का, पढ़िए..

  • निकाले गए कर्मचारी गौरीशंकर भगत, विजय कुमार तिग्गा और विनोद कुमार साय ने अपने संयुक्त बयान में कहा कि छत्तीसगढ़ मनरेगा योजना में हम सभी जिला जशपुर में तकनीकी सहायक पद पर विगत 8-10 वर्षो से कार्यरत रहे हैं।
  • हम सभी को उच्च अधिकारियों की मनमानी के चलते सेवा से पृथक कर दिया गया है।
  • इसके लिए हम सभी अपनी बहाली के लिए शासन प्रशासन के पास लगातार निवेदन करते रहे।
  • इस कड़ी में राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग ने भी हमारे मामले का परीक्षण किया और हमें निर्दोष मानते हुए हमारी बहाली के लिए अपर सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग छत्तीसगढ़ को निर्देश ज़ारी किये।
  • लेकिन आज पर्यंत तक हमारी नौकरी पर बहाली नहीं हुई ,जबकि नई सरकार के जन घोषणा पत्र में किसी की छंटनी नहीं होगी ऐसा वादा किया गया था।

आत्मदाह करने की कही बात

  • अब हमारे परिवार पर आजीविका और भरण –पोषण का संकट खड़ा हो गया है जिस कारण हम सब मानसिक रूप से अत्यंत प्रताड़ित हो चुके हैं।
  • ऐसी स्थिति में पूर्व में हमने जशपुर कलेक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति को इच्छा मृत्यु के लिए निवेदन किया और आज दिनांक 05.03.2019 को राज्यपाल महोदय के माध्यम से भी राष्ट्रपति को इच्छा मृत्यु बाबत निवेदन किया है।

सुनवाई नहीं हुई तो उठाएंगे बड़ा कदम

  • आगामी कुछ दिनों में यदि हमारी सुनवाई नहीं होती तो हम सभी इच्छा मृत्यु के बाबत कुछ अप्रिय कदम उठा सकते हैं जिसके लिए शासन-प्रशासन जिम्मेदार होगा।

आदेश का नहीं हुआ पालन

  • तकनीकी सहायकों का आरोप है कि उनके द्वारा अनुसूचित जनजाति आयोग को शिकायत करते हुए मामले में हस्तक्षेप कर न्याय दिलाने की मांग की थी आयोग ने दोनों पक्षों के कारणों को सुनने में जाने के बाद तकनीकी सहायकों के पक्ष में निर्णय लेते हुए आदेश जारी किया है लेकिन आयोग के आदेश का पालन नहीं किया गया तकनीकी सहायकों ने बताया सेवा बहाली का आदेश दिए जाने के बाद ही आज पर्यंत तक तकनीकी सहायकों की बहाली नहीं हो पाई है।
  • आदेश में उक्त कर्मचारियों को ना ही किसी प्रकार का स्पष्टीकरण दिया गया और ना ही कोई जांच कार्यवाही की गई।
  • आयोग ने यह भी कहा कि सामान्य प्रशासन के निर्देश का पालन भी नहीं किया गया है।

परिवार के साथ करेंगे आत्मदाह

  • इच्छा मृत्यु की मांग करने सौपे गए ज्ञापन में नौकरी से निकाले गए कर्मचारी गौरी शंकर भगत ने बताया कि उनके माता पिता बुजुर्ग हैं और वे बीमार हैं। – उनके परिवार की माली हालत बहुत खराब है। और जीवन यापन करने में काफी परेशानी हो रही है।
  • उन्होंने कलेक्टर को जारी किए ज्ञापन में कहा कि अगर आयोग के आदेश का पालन नहीं होता है। और उनकी फिर से नियुक्ति नहीं होती है तो वह मजबूरन पूरे परिवार के साथ आत्मदाह करेंगे।
  • साथ ही यह भी कहा कि इस घटना की पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
  • भगत ने कहा कि 6 साल से पूरी ईमानदारी से उन्होंने काम किया है।
  • जिसके बाद तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ ने बिना कारण के नौकरी से बाहर कर दिया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here