प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों से लाभार्थियों की सूची मांगी, किसानों के अकाउंट में सीधे जाएगी राशि..

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09 जुलाई 2019, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री किसान योजना को देशभर के तमाम राज्यों में जल्द से जल्द लागू करने के लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को निर्देश जारी किए हैं। केंद्र की ओर से कहा गया है कि प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत 87000 करोड़ रुपए को जल्द से जल्द लागू किया जाए। केंद्र ने इस बाबत तमाम राज्य सरकारों से इस योजना के तहत आने वाले किसानों की जानकारी मांगी है। बता दें कि हाल ही में केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की थी, जिसके तहत देश के 14.5 करोड़ किसानों को तीन अलग-अलग किश्तों में वार्षिक 6000 रुपए दिए जाएंगे।

सीधे अकाउंट में जाएगी राशि

राज्य के कृषि मंत्रियों की कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री किसान योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत किसानों की जेब में सीधे 87000 करोड़ रुपए जाएंगे। यह राज्य की जिम्मेदारी है कि वह इस योजना के तहत आने वाले सभी किसानों की सूचि को केंद्र को सौंपे। इस योजना के तहत फंड का आवंटन बजट में किया गया है, लिहाजा यह राशि सीधे किसानों के खाते में भेजी जाएगी। तोमर ने कहा कि इस योजना को तेजी से लागू करने की जरूरत है।

दो किश्तें भेजी गई

बता दें कि 5 जुलाई तक 3.56 करोड़ किसानों को इस योजना के तहत पहली किश्त भेजी जा चुकी है। पहली किश्त के तहत कुल 7120 करोड़ रुपए भेजे जा चुके हैं। जबकि 3.10 करोड़ किसानों के खाते में दूसरी किश्त भी भेजी जा चुकी है। दूसरी किश्त में कुल 6215 करोड़ रुपए भेजे गए हैं। कृषि मंत्रालय के पदाधिकारी ने बताया कि राज्यों को जुलाई अंत तक उनके राज्य के लाभार्थी किसानों की लिस्ट भेजनी है, जिससे कि किसान अप्रैल-जुलाई की 2000 रुपए की किश्त हासिल करने से ना चूके।

पश्चिम बंगाल योजना से दूर

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल ने अभी तक इस योजना में हिस्सा नहीं लिया है। अभी तक इस योजना में सिर्फ 43 फीसदी किसान ही शामिल हो सके हैं। बिहार एकमात्र ऐसा राज्य है जहां 8.38 लाख किसानों को इस योजना का लाभ मिला है। यहां कुल 1.63 लाभार्थी किसान हैं, जिन्हें इस योजना के तहत शामिल किया गया है। इससे पहले तोमर ने कहा था कि देश अब खुद से अनाज उत्पादन में सक्षम हो चुका है, देश के किसान, वैज्ञानिक और सरकार की बदौलत हमने यह उपलब्धि हासिल की है।

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